share market terminology | शेयर मार्केट की पारिभाषिक शब्‍दावली

दाेस्‍तों आज हम बात करने वाले है शेयर मार्केट की पारिभाषिक शब्‍दावली share market terminology यानि ऐसे शब्‍द जो शेयर मार्केट में यूज किये जाते हैं और जिनका जानना आपके लिए बहुत जरूरी है शेयर मार्केट की अपनी एक भाषा है जिसके बारे में अगर हमें मालूम नहीं होगा तो हम न तो शेयर मार्केट में काम कर सकते हैं न ही शेयर मार्केट के बारे मे जान सकते हैं 

  1. Share शेयर :- शेयर किसी कम्‍पनी की सबसे छोटी हिस्‍सेदारी होती है
  2. BSE :- बाम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज, भारत का सबसे बड़ा़ और सबसे पुराना स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानि वो जगह जहां पर स्‍टॉक की खरीद और बिक्री हाेती है
  3. NSE :- नेशनल स्‍टॅाक एक्‍सचेंज, भारत का दूसरा स्‍टॉक एक्‍सचेंज
  4. Nifty 50 :- निफ्टी 50 नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज द्वारा काम में लिया जाने वालो इंडेक्‍स है इसमें टॉप 50 कम्‍पनियों के शेयरों के आधार पर अनुमान लगाया जाता है
  5. Sensex :- सेेसेक्‍सस  बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज द्वारा काम में लिया जाने वालो इंडेक्‍स है इसमें टॉप 30 कम्‍पनियों के शेयरों के आधार पर अनुमान लगाया जाता है
  6. SEBI : यह पूंजी बाजार और शेयर बाजार की नियामक संस्‍था है जिसका पूरा नाम सिक्‍यूरिटीज और एक्‍सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया है 
  7. Demat Account :- डीमेट अकाउण्‍ट को हम एक बैंक अकाउण्‍ट की तरह ही मान सकते है जिस तरह बैंक में लेनदेन करने के लिए बैंक अकाउण्‍ट की जरूरत होती है उसी तरह शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करने के लिए डीमेट अकाउण्‍ट की आवश्‍यकता होती है
  8. Portfolio :- पोर्टफोलियो शेयर मार्केट में निवेश करने वाले निवेशक के द्वारा किये गये निवेश की चिट्ठा होता है जिसमें निवेशक के द्वारा किये गये निवेश की सूचना होती है
  9. Dividend :- जैसा कि आपको पता है कि हम जब किसी बैंक में एफडी कराते हैं तो उस पर हमें जो फायदा मिलता है उसे ब्‍याज कहते है ठीक उसी प्रकार शेयर पर मिलने वाला फायदा डिविडेंड कहलाता है 
  10. Bonus Share :-
  11. Allotment :- निवेशको को मिले शेयर को शेयर अलॉमेंट कहा जाता है 
  12. Outlook :- किसी संस्‍था कम्‍पनी या देश के भविष्‍य के बारे में जानने के लिए आउटलुक का इस्‍तेमाल किया जाता है किसी संस्‍था कम्‍पनी या देश का आउटलुक पॉजिटिव नेगेटिव या स्‍टेबल यानि स्थिर हो सकता है
  13. Order Book :- किसी कम्‍पनी के आर्डर के बारे में जानने के लिए आर्डर बुक काम में लिया जाता है आर्डर बुक से मतलब यहां कम्‍पनी को काम करने के लिए मिले आर्डर से है अगर किसी कम्‍पनी की आर्डर बुक भरी हुई है तो उस कम्‍पनी को मजबूत माना जाता है   
  14. Orbitraz :- एक शेयर बाजार से निर्धारित शेयर खरीदकर उसे दूसरे बाजार में बेच देना आर्बिट्राज कहलाता है उदाहरण के तौर पर जमील अत्‍तारी एण्‍टरप्राइजेज का शेयर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज से 100 रूपये मे खरीदकर नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेज में की 110 रूपये की कीमत पर बेच दिया पुराने समय में ऐसा बहुत होता था लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन हो जाने से इसका चलन कम हो गया 
  15. Arbitration :- ऑरबिट्रेशन का अर्थ है विवादो से निपटारा जब दो या दो से अधिक ब्रोकर अथवा ब्रोकर और ग्राहक के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो जाता है तो उसका निपटारा एक व्‍यक्ति को बीच में रखकर किया जाता है जिसे ऑरबिट्रेटर कहा जाता है और निपटारे की इस प्रोसेस को ऑरबिट्रेशन कहा जाता है
  16. Auction :- ऑक्‍शन का अर्थ होता है नीलामी 
  17. STT :- सिक्‍यूरिटी ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स सरकार के द्वारा शेयर सिक्‍यूरीटीज के प्रत्‍येक सौदे पर एसटीटी लगाया जाता है यह ब्रोकर पर लगाया जाता है लेकिन ब्रोकर अपने ग्राहक से यह कर वसूल लेता है प्रत्‍येक कॉन्‍ट्रेक्‍ट नोट या बिल में ब्रोकरेज के साथ एसटीटी भी वूसला जाता है
  18. FII :- Foriegn Institutional Inverstor यानि विदेशी संस्‍थागत निवेशक ये वो निवेशक होते हैंं जो अपने देश से निवेश करने के लिए पैसा बटोरते हैं फिर उस पैसे को पूरी दूनिया के शेयर मार्केट में निवेश करते है उससे पैसा कमाते हैं और उसका कुछ हिस्‍सा अपने ग्राहकों का भी देते है भारत मेंं इनका इतना रौब है कि इन्‍हें देखकर लगता है कि भारतीय शेयर बाजार को यही चलाते हैं  भारतीय शेयर बाजार मे पैसा लगाने के लिए इन्‍हें अपना पंजीकरण सेबी और रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया में कराना होता है  
  19. Exposer :- एक्‍सपोजर मतलब जोखिम जब भी कोई निवेशक शेयर बाजार मे पैसा लगाता है तो उसे एक्‍सपोजर कहा जाता है 
  20. Best Buy :- जिन शेयर का भाव भविष्‍य में बढने की संभावना अधिक होती है उन्‍हें बेस्‍ट बाई कहा जाता है
  21. Blue Chip :- शेयर बाजार की सबसे मजबूत कम्‍पनियों के शेयर को ब्‍लू चिप कहा जाता है ऐसे शेयर निवेशको के पंसदीदा शेयर होतेे हैं  
  22. Babel :- जब किसी शेयर का भाव बुलबुले की तरह फूलता रहे और एक सीमा पर आने के बाद धडाम से गिर जाये उसे बबल कहा जाता है   
  23. Correction :- कई बार शेयर बाजार लगातार बढता रहता है और फिर एकदम से गिर जाता है इसे करेक्‍शन कहा जाता है
  24. Corporate Action :- किसी भी कम्‍पनी द्वारा शेयर धारकों या शेयर बाजार के लिए कोई निर्णय लिया जाता है तो इसे कॉरपोरेट एक्‍शन कहा जाता है   
  25. Contract Note :- सौदे के लेन देन के वक्‍त ब्रोकर द्वारा ग्राहक को रसीद दी जाती है जिसे कॉन्ट्रेक्‍ट नोट कहा जाता है जिसमें सौदे के बारे में विवरण दिया होता है यह लेना बहुत महत्‍वपूर्ण है 
  26. Cornering :- जब कोई व्‍यक्ति किसी शेयर विशेष की खरीददारी करके एकाधिकार स्‍थापित करने की कोशिश करता है तो उसे कॉर्नरिंंग कहते हैं 
  27. Consent Order :- शेयर बाजार में कोई भी मध्‍यस्‍थी नीति नियमों का उल्‍लघंन करता है और स्‍वीकार कर लेता है तो सेबी उस पर निर्धारित आर्थिक दण्‍ड लगाती है जिसे कन्‍सेंट आर्डर कहा जाता है 
  28. Delisting :- आईपीओ के बाद शेयर की शेयर मार्केट में लिस्टिंग होती है ठीक उसी तरह कम्‍पनिया अपने शेयर को शेयर मार्केट से हटाती है जिसे डिलिस्टिंग कहा जाता है
  29. Disinvestment :- डिइन्‍वेस्‍टमेंट यानि निवेश खाली करना सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की कम्‍पनियों की स्‍थापना सरकार द्वारा की जाती है कई बार सरकार अपना इन्‍वेस्‍टमेंट हटा लेती है और शेयर प्राइवेट कम्‍पनियो का ऑफर करती है 
  30. DP :- शेयर धारक और कम्‍पनी के बीच की कडी की डीपी कहा जाता है हमारे देश में  NSDL और CDSL डीपी यानि डिपोजिटरी पार्टिसिपेट है जो बैंको की तरह निवेशकोंं के पैसो को इलेक्‍ट्रोनिक रूप मे संभाल कर रखते है 
  31. Diversification विविधिकरण – निवेशकों द्वारा अपने धन को एक ही शेयर में न लगाकर अलग अलग शेयरों की खरीद की जाती है जिसे विविधिकरण कहते है
  32. Disgorzment :- कोई भी व्‍यक्ति शेयर बाजार या पूंजी बाजार में घोटाला करके रकम को डकार लेता है तो सबी उस पैसे की वसूली करती है जिसे डिसगोर्जमेंट कहते है 
  33. Disclosure :- डिस्‍क्‍लोजर यानि खुलासा करना
  34. Issuer :- शेयर जारी करने वाली कम्‍पनी या संस्‍था का इस्‍यूअर कहा जाता है
  35. Fundamental :- फंडामेंटल यानि मूलभूत तत्‍व या परिणाम
  36. Guidance :- जब कोई कम्‍पनी आने वाले समय के लिए टर्नओवर या बिजनेस के लिए कोई संकेत देती है तो इस गाइडेंस कहा जाता है
  37. Guideline :- सेबी शेयर बाजार या बाजार के मध्‍यस्‍थों के लिए नियम बनाती है तो उसे गाइडलाइन कहा जाता है
  38. KYC :- केवाईसा यानि नो योर कस्‍टमर कस्‍टमर के बारे में जानकरी इकट्ठा करना केवाईसी कहलाता है 
  39. Listing :- शेयर बाजार में अपने शेयर को सूचीबद करवाना लिस्टिंग कहलाता है 
  40. Liquidity :- शेयर बाजार में निरंतर लेनदेन का लिक्विडिटी कहा जाता है
  41. Market Breadth :- बाजार की चाल काे दर्शाने वाली बाते मार्केट ब्रेड्थ कहलाती है
  42. Plaze share :- जब भी काई निवेशक खरीदे गये शेयर को गिरवी रखकर लोन लेता है तो गिरवी रखे गये शेयर को प्‍लेज शेयर कहा जात है  
  43. Profit Booking :- अगर कोई निवेशक किसी कम्‍पनी के शेयर लेता है और भाव बढने पर उसे बेच देता है तो उसे प्रॉफिट बुकिंग कहते है  
  44. Peni Stocks :- जिन शेयर का भाव पैसों में या एक रूपये या दो रूपये होता है उन्‍हें पैनी स्‍टॉक कहते है
  45. PBT :- प्रॉफिट बिफॉर टैक्‍स यानि सरकार को टैक्‍स चुकाने से पहले का प्रॉफिट
  46. Recovery :- निरंतर गिरते हुए बाजार में गिरावट रूक जाये और वो फिर से बढने लगे तो इसे रिकवरी कहा जाता है 
  47. Relisting :- डिलिस्टिंग के बाद कम्‍पनी फिर से अपने शेयर बाजार में ले आये तो इसे रिलिस्टिंग कहते है
  48. Role Back :- उठाया गया कदम पीछे नहीं लेना यानि तो निर्णय ले लिया वो ले लिया
  49. Regulation :- सम्‍बन्धित व्‍यक्तियाें से नियमो का पालन करवाना नियमन कहलाता है 
  50. Restructuring :- जब कोई कम्‍पनी अपने घाटे काे कम करने या लाभ को बढाने के लिए कुछ फेरबदल करती है तो इसे रिस्‍ट्रक्‍चरिंग कहते हैु
  51. Rehabilitation :- जब कम्‍पनी कंगाल हाेकर बीमार हो जाती है तो उसे उभरने के लिए समय दिया जाता है जिसे रिहेबिलाइजेशन कहते है
  52. Rating :- कम्‍पनी के वित्‍तीय परिणाम और वित्‍तीय ट्रेक को देखते हुए उसे पाॅइण्‍ट दिये जाते है जिसे रेटिंग कहते है
  53. Circuit Breaker :- शेयर बाजार को अत्‍यधिक तेजी और अत्‍यधिक मंदी की वजह से बंद किया जाता है जिसे सर्किट ब्रेकर कहते है
  54. Circuit Filter :- किसी भी स्क्रिप का भाव एक ही दिन में अनावश्‍यक रूप से घटे या बढे नहीं एक्‍सचेंज उस पर नियंत्रण के लिए सर्किट फिल्‍टर लगाती है
  55. Circular Trading :- शेयर बाजार में सटोरियों का ऐसा ग्रुप भी होता है जो स्क्रिप एक दूसरे को बेचकर उसके भाव को कम या ज्‍यादा करने की कोशिश करते है ऐसे व्‍यापार को सर्कुलर ट्रेडिंग कहते है
  56. Stop Loss :- प्रॉफिट बुकिंग की तरह ही निवेशक किसी शेयर को खरीदकर ज्‍यादा नुकसान होने के अदेंशा से खरीदे भाव से भी कम भाव में बेच देता है  इसे स्‍टॉप लॉस कहते है
  57. Stimulus Package :- मंदी से किसी उद्योग को उबारने या किसी उद्योग का अस्तित्‍व टिकाये रखने के लिए सरकार राहत पैकेज की घोषणा करती है जिसे स्‍टीम्‍यूलस पैकेज कहा जाता है
  58. SET :-  सेबी के आदेश के सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्युनल मे अपील की जा सकती है सेट के आदेश सेबी को मानने पड़ते हैं 
  59. Swit :- कम्‍पनी अपने कर्मचारियों और निदेशकों को रियायती शर्तो पर इक्विटी शेयर देती है जिसे स्‍वेट शेयर कहा जाता है कभी कभी ये शेयर निशुल्‍क भी दिये जाते है  
  60. Sik Company :- बीमार कम्‍पनी यानि जिसका घाटा बढकर उसकी नेटवर्थ से अधिक हो गया है को सिक कम्‍पनी कहा जाता है
  61. Selling Pressure :- सेलिंग प्रेशर यानि बिकवाली का दबाव जब शेयर बाजार में निरंतर या बडी मात्रा में बिकवाली हाेने लगे ऐसी स्थिति को सेलिंग प्रेशर कहते है  
  62. Share Holding Pattern :- किसी कम्‍पनी में किस किस वर्ग के कितने शेयर है इसकी जानकारी शेयर हॉल्डिंग पेटर्न कहलाती है
  63. Short Covering :- जब बाजार गिरावट की तरफ होता है तो कुछ लोग शेयर हाथ में न हाेने पर भी बिकवाली कर देते हैं बाजार ओर घटता है तो वह घटे हुए भाव पर शेयर खरीदकर डिलीवरी कर देते है इसे शॉर्ट कवरिंग कहते है  
  64. Top and Botton :- शेयर बाजार में जब भी काेई शेयर अपने सबसे उंचे स्‍तर पर पहुंचता है तो उसे टॉप कहते है और जब कोई शेयर अपने निम्‍नतम स्‍तर तक पहुंचता है तो उसे बॉटम कहते है
  65. Term Around :- जब कोई कम्‍पनी घाटे से उभरकर मुनाफा कमाने लगे या किसी कम्‍पनी भारी घाटा नाममात्र का घाटा रह जाये तो उसे टर्म अराउंड कहते है
  66. Take Over :- जब एक कम्‍पनी दूसरी कम्‍पनी का अधिग्रहण करती है तो उसे टेकओवर कहते हैं
  67. Target :- टारगेट का मतलब है लक्ष्‍य
  68. Trigger :- शेयर बाजर की चाल को वेग देने वाले कारक ट्रीगर कहलाते है
  69. UCC :- यूनिक कलांइट कोड दलालों के पास रजिस्‍ट्रेशन के वक्‍त मिलने वाला कोड  
  70. Ulip :- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान निवेश के साथ मिलने वाला बीमा प्‍लान

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